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MSP पर आया नया फॉर्मूला, किसान नेता चर्चा के बाद लेंगे फैसला

सत्य खबर/ नई दिल्ली:

एमएसपी की गारंटी पर कानून की मांग कर रहे किसानों को मनाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से नया फॉर्मूला पेश किया गया है. रविवार को चंडीगढ़ में किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच हुई चौथे दौर की बैठक में केंद्र सरकार चार और फसलों पर एमएसपी देने पर सहमत हो गई. केंद्र सरकार ने धान और गेहूं के अलावा मसूर, उड़द, मक्का और कपास की फसल पर भी एमएसपी देने का प्रस्ताव रखा है. हालांकि किसानों की मांग है कि सरकार सभी फसलों पर एमएसपी की गारंटी दे.

किसान नेताओं ने कहा है कि वे सरकार के प्रस्ताव पर विचार करेंगे. सरकार से चर्चा के बाद आंदोलनकारी किसानों ने ‘दिल्ली चलो’ प्रदर्शन दो दिन के लिए बंद करने को कहा है. जानकार सूत्रों के मुताबिक, इन दो दिनों में किसान संगठन सरकार की ओर से पेश किए गए नए फॉर्मूले को समझेंगे और इसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी. इस दौरान किसान शंभू बॉर्डर पर ही डटे रहेंगे.

फिलहाल ‘दिल्ली चलो’ मार्च पर रोक

चंडीगढ़ में किसान संगठनों के साथ हुई बैठक में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय के साथ पंजाब के सीएम भगवंत मान और कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां भी शामिल हुए. बैठक में सरकार की ओर से किसान संगठनों के सामने नया फॉर्मूला पेश किया गया. बैठक के दौरान केंद्र सरकार ने एमएसपी पर पांच साल की योजना समेत कुछ और योजनाएं पेश कीं. इसके बाद किसानों ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च पर फिलहाल रोक लगा दी है.

किसान नेता नये फॉर्मूले पर विचार करेंगे

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बैठक के बाद किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि हम सरकार द्वारा पेश किए गए नए प्रस्ताव पर विभिन्न किसान संगठनों और विशेषज्ञों के साथ चर्चा करेंगे और उसके बाद ही अंतिम निष्कर्ष निकालेंगे।

पंजाब किसान संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने भी कहा कि सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा के बाद फैसला लिया जाएगा. पंढेर ने कहा कि फिलहाल हमने दो दिन का समय मांगा है. हम एक दूसरे से बात करेंगे. अगर हमारे बीच सहमति बनी तो हम आंदोलन वापस ले लेंगे. अगर सरकार की ओर से पेश फॉर्मूले पर सहमति नहीं बनी तो 21 फरवरी को दिल्ली की ओर कूच करेंगे.

केंद्र सरकार ने पेश किया नया फॉर्मूला

बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) जैसी सहकारी समितियां अरहर दाल, उड़द दाल, मसूर दाल या मक्का उगाने वाले किसानों के साथ अनुबंध करेंगी। अगले पांच साल तक उनकी फसलें एमएसपी पर खरीदी जाएंगी।

उन्होंने कहा कि खरीदी गई मात्रा की कोई सीमा नहीं होगी और इसके लिए एक पोर्टल भी विकसित किया जाएगा। इससे पंजाब की खेती को बचाने, भूजल स्तर को सुधारने और जमीन को बंजर होने से बचाने में मदद मिलेगी।

केंद्र सरकार की ओर से यह भी प्रस्ताव दिया गया है कि भारतीय कपास निगम (सीसीआई) एक कानूनी समझौते के जरिए पांच साल तक किसानों से एमएसपी पर कपास खरीदेगी। चौथे दौर की बैठक में भी स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने और किसानों की कर्ज माफी जैसी मांगों पर कोई सहमति नहीं बन पाई.

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पीयूष गोयल ने बातचीत को सकारात्मक बताया

करीब पांच घंटे तक चली बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बातचीत को काफी सकारात्मक बताया. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए नए फॉर्मूले पर किसान संगठन पूरी तरह सहमत होंगे.

बैठक में मौजूद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि फसलों का विविधीकरण बहुत महत्वपूर्ण है, बशर्ते सरकार वैकल्पिक फसलों पर एमएसपी की गारंटी दे। इसके बाद अन्य फसलों को भी इसके अंतर्गत लाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से किसान संगठनों को नया प्रस्ताव दिया गया है और हम किसान संगठनों की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं.

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